दिल अब दुनिया पे ला'नत कर कि इस की By Sher << इक हुस्न-ए-बे-मिसाल की तम... बे-सुतूँ इक नवाही में है ... >> दिल अब दुनिया पे ला'नत कर कि इस की बहुत ख़िदमत-गुज़ारी हो गई है Share on: