दिल इस तरह हवा-ए-मोहब्बत में जल गया By Sher << जहाँ में ज़र का है कारख़ा... ऐ शैख़ अपना जुब्बा-ए-अक़्... >> दिल इस तरह हवा-ए-मोहब्बत में जल गया भड़की कहीं न आग न उट्ठा धुआँ कहीं Share on: