जहाँ में ज़र का है कारख़ाना न कोई अपना न है यगाना By Sher << बचपन में शौक़ से जो घरौंद... दिल इस तरह हवा-ए-मोहब्बत ... >> जहाँ में ज़र का है कारख़ाना न कोई अपना न है यगाना तलाश-ए-दौलत में है ज़माना ख़ुदा ही हाफ़िज़ है मुफ़्लिसी का Share on: