दिल की कुदूरतें अगर इंसाँ से दूर हों By Sher << दोस्तों से इस क़दर सदमे उ... बुत-ख़ाना तोड़ डालिए मस्ज... >> दिल की कुदूरतें अगर इंसाँ से दूर हों सारे निफ़ाक़ गब्र ओ मुसलमाँ से दूर हों Share on: