दिल लगा लेते हैं अहल-ए-दिल वतन कोई भी हो By Sher << ऐ मिरे पायाब दरिया तुझ को... इक कर्ब-ए-मुसलसल की सज़ा ... >> दिल लगा लेते हैं अहल-ए-दिल वतन कोई भी हो फूल को खिलने से मतलब है चमन कोई भी हो Share on: