ऐ मिरे पायाब दरिया तुझ को ले कर क्या करूँ By Sher << प्यार का दोनों पे आख़िर ज... दिल लगा लेते हैं अहल-ए-दि... >> ऐ मिरे पायाब दरिया तुझ को ले कर क्या करूँ नाख़ुदा पतवार कश्ती बादबाँ रखते हुए Share on: