दिल में आ राह-ए-चश्म-ए-हैराँ सीं By Sher << शबनम ने रो के जी ज़रा हल्... उसे इक बुत के आगे सर झुका... >> दिल में आ राह-ए-चश्म-ए-हैराँ सीं खुल रहे हैं मिरी पलक के पाट Share on: