दिल में इक इज़्तिराब बाक़ी है By दिल, Sher << अजब तरह की है दुनिया ब-रं... हम भी कैसे एक ही शख़्स के... >> दिल में इक इज़्तिराब बाक़ी है ये निशान-ए-शबाब बाक़ी है Share on: