दिल पे इक ग़म की घटा छाई हुई थी कब से By Sher << फ़लसफ़े सारे किताबों में ... मिरे वजूद के ख़ुश्बू-निगा... >> दिल पे इक ग़म की घटा छाई हुई थी कब से आज उन से जो मिले टूट के बरसात हुई Share on: