दिल से बस हाथ उठा तू अब ऐ इश्क़ By Sher << दुख़्तर-ए-रज़ तो है बेटी ... दिल को फाँसा है हर इक उज़... >> दिल से बस हाथ उठा तू अब ऐ इश्क़ देह-ए-वीरान पर ख़िराज नहीं Share on: