दिल-ए-बेताब का अंदाज़-ए-बयाँ है वर्ना By Sher << एक इक लम्हे में जब सदियों... दयार-ए-इश्क़ है ये ज़र्फ़... >> दिल-ए-बेताब का अंदाज़-ए-बयाँ है वर्ना शुक्र में कौन सी शय है जो शिकायत में नहीं Share on: