एक इक लम्हे में जब सदियों की सदियाँ कट गईं By Sher << फ़र्क़ जो कुछ है वो मुतरि... दिल-ए-बेताब का अंदाज़-ए-ब... >> एक इक लम्हे में जब सदियों की सदियाँ कट गईं ऐसी कुछ रातें भी गुज़री हैं मिरी तेरे बग़ैर Share on: