दिल-गिरफ़्ता ही सही बज़्म सजा ली जाए By Sher << रहम कर हम पर भी दिल-बर है... असीर-ए-पंजा-ए-अहद-ए-शबाब ... >> दिल-गिरफ़्ता ही सही बज़्म सजा ली जाए याद-ए-जानाँ से कोई शाम न ख़ाली जाए Share on: