रहम कर हम पर भी दिल-बर हैं तिरे By Sher << हज़ारों मय-कदे सर पर लिए ... दिल-गिरफ़्ता ही सही बज़्म... >> रहम कर हम पर भी दिल-बर हैं तिरे इश्क़ के हाथों से आवारों के बीच Share on: