दिन को दफ़्तर में अकेला शब भरे घर में अकेला By Sher << अंगड़ाई भी वो लेने न पाए ... इश्क़ में ख़ूब नीं बहुत र... >> दिन को दफ़्तर में अकेला शब भरे घर में अकेला मैं कि अक्स-ए-मुंतशिर एक एक मंज़र में अकेला Share on: