दिन तो शिकम की आग बुझाने में जाए है By Sher << गुफ़्तुगू में वो हलावत वो... या-रब ग़म-ए-हिज्राँ में इ... >> दिन तो शिकम की आग बुझाने में जाए है शुक्र-ए-ख़ुदा कि कटती है दानिशवरों में रात Share on: