दीवार ख़स्ता-हाल है और दर उदास है By Sher << ग़ज़ल उस के लिए कहते हैं ... तेरे गालों पे जब गुलाल गु... >> दीवार ख़स्ता-हाल है और दर उदास है जब से कोई गया है मिरा घर उदास है Share on: