दो अलग लफ़्ज़ नहीं हिज्र ओ विसाल By Sher << दुनिया से कहो जो उसे करना... धूप बोली कि मैं आबाई वतन ... >> दो अलग लफ़्ज़ नहीं हिज्र ओ विसाल एक में एक की गोयाई है Share on: