दो तुंद हवाओं पर बुनियाद है तूफ़ाँ की By Sher << मिटे ये शुबह तो ए दोस्त त... मैं एक ख़ाना-ब-दोश हूँ जि... >> दो तुंद हवाओं पर बुनियाद है तूफ़ाँ की या तुम न हसीं होते या में न जवाँ होता Share on: