मिटे ये शुबह तो ए दोस्त तुझ से बात करें By Sher << ख़ुशामद ताबेदारी मिन्नत-ओ... दो तुंद हवाओं पर बुनियाद ... >> मिटे ये शुबह तो ए दोस्त तुझ से बात करें हमारी पहली मुलाक़ात आख़िरी तो नहीं Share on: