दो-शाला शाल कश्मीरी अमीरों को मुबारक हो By मुफ़्लिसी, Sher << चले भी आओ कि ये डूबता हुआ... अगर है इंसान का मुक़द्दर ... >> दो-शाला शाल कश्मीरी अमीरों को मुबारक हो गलीम-ए-कोहना में जाड़ा फ़क़ीरों का बसर होगा Share on: