दोस्तों और दुश्मनों में किस तरह तफ़रीक़ हो By Sher << आँखें न जीने देंगी तिरी ब... बना रखा है मंसूबा कई बरसो... >> दोस्तों और दुश्मनों में किस तरह तफ़रीक़ हो दोस्तों और दुश्मनों की बे-रुख़ी है एक सी Share on: