दुख़्त-ए-रज़ और तू कहाँ मिलती By Sher << आलम को इक हलाक किया उस ने... इतवार को आना तिरा मालूम क... >> दुख़्त-ए-रज़ और तू कहाँ मिलती खींच लाए शराब-ख़ाने से Share on: