दुख़्तर-ए-रज़ मत कहो नापाक है By Sher << गर शैख़ ने आह की तो मत भू... ऐ मुक़ल्लिद बुल-हवस हम से... >> दुख़्तर-ए-रज़ मत कहो नापाक है आबरू-ए-दूदमान-ए-ताक है Share on: