दुनिया बस इस से और ज़ियादा नहीं है कुछ By Sher << मय न हो बू ही सही कुछ तो ... दर्द को रहने भी दे दिल मे... >> दुनिया बस इस से और ज़ियादा नहीं है कुछ कुछ रोज़ हैं गुज़ारने और कुछ गुज़र गए Share on: