दुनिया है कि गोशा-ए-जहन्नम By Sher << जिसे मैं छू नहीं सकता दिख... रंज-ओ-ग़म उठाए हैं फ़िक्र... >> दुनिया है कि गोशा-ए-जहन्नम हर वक़्त अज़ाब-ए-इलाही तौबा Share on: