दुनिया पे अपने इल्म की परछाइयाँ न डाल By Sher << हम ने तो दरीचों पे सजा रक... ता उम्र फिर न होगी उजालों... >> दुनिया पे अपने इल्म की परछाइयाँ न डाल ऐ रौशनी-फ़रोश अंधेरा न कर अभी Share on: