ता उम्र फिर न होगी उजालों की आरज़ू By Sher << दुनिया पे अपने इल्म की पर... मिरे लहू को मिरी ख़ाक-ए-न... >> ता उम्र फिर न होगी उजालों की आरज़ू तू भी किसी चराग़ की लौ से लिपट के देख Share on: