दूर तक फैला हुआ है एक अन-जाना सा ख़ौफ़ By Sher << बगूले उस के सर पर चीख़ते ... ग़ैर वफ़ा में पुख़्ता हैं... >> दूर तक फैला हुआ है एक अन-जाना सा ख़ौफ़ इस से पहले ये समुंदर इस क़दर बरहम न था Share on: