ऐ अक़्ल साथ रह कि पड़ेगा तुझी से काम By Sher << हुजूम-ए-रंज-ओ-ग़म-ओ-दर्द ... क्या यही थी शर्त कुछ इंसा... >> ऐ अक़्ल साथ रह कि पड़ेगा तुझी से काम राह-ए-तलब की मंज़िल-ए-आख़िर जुनूँ नहीं Share on: