क्या यही थी शर्त कुछ इंसाफ़ की ऐ तुंद-ख़ू By Sher << ऐ अक़्ल साथ रह कि पड़ेगा ... किसी के हाथ में जाम-ए-शरा... >> क्या यही थी शर्त कुछ इंसाफ़ की ऐ तुंद-ख़ू जो भला हो आप से उस से बुराई कीजिए Share on: