ऐ दोस्त मैं ख़ामोश किसी डर से नहीं था By Sher << मुझे की गई है ये पेशकश कि... दीन ओ दुनिया का जो नहीं प... >> ऐ दोस्त मैं ख़ामोश किसी डर से नहीं था क़ाइल ही तिरी बात का अंदर से नहीं था Share on: