दीन ओ दुनिया का जो नहीं पाबंद By Sher << ऐ दोस्त मैं ख़ामोश किसी ड... हिज्र को हौसला और वस्ल को... >> दीन ओ दुनिया का जो नहीं पाबंद वो फ़राग़त तमाम रखता है Share on: