ऐ ख़ाल-ए-रुख़-ए-यार तुझे ठीक बनाता By Sher << एक ऐसी भी तजल्ली आज मय-ख़... ये भी शायद ज़िंदगी की इक ... >> ऐ ख़ाल-ए-रुख़-ए-यार तुझे ठीक बनाता जा छोड़ दिया हाफ़िज़-ए-क़ुरआन समझ कर Share on: