ऐ ताइर-ए-लाहूती उस रिज़्क़ से मौत अच्छी By Sher << दिल जो उम्मीद-वार होता है शाम ढलते ही ये आलम है तो ... >> ऐ ताइर-ए-लाहूती उस रिज़्क़ से मौत अच्छी जिस रिज़्क़ से आती हो परवाज़ में कोताही Share on: