एक आसेब है हर इक घर में By Sher << मौसम-ए-गुल पर ख़िज़ाँ का ... ख़ुदा महफ़ूज़ रक्खे इंतिश... >> एक आसेब है हर इक घर में एक ही चेहरा दर-ब-दर चमके Share on: