इक अजब कश्मकश-ए-सौत-ओ-सदा है मुझ में By Sher << एक खिड़की खुली रहती है नज... धोका है नुमाइश है तमाशा ह... >> इक अजब कश्मकश-ए-सौत-ओ-सदा है मुझ में मैं ने आवाज़ भी दी और कहा कुछ भी नहीं Share on: