एक खिड़की खुली रहती है नज़र में हर दम By Sher << इक नज़र देख मिरे दिल की त... इक अजब कश्मकश-ए-सौत-ओ-सदा... >> एक खिड़की खुली रहती है नज़र में हर दम एक मंज़र पस-ए-मंज़र भी नज़र आता है Share on: