एक भी पत्थर न आया राह में By Sher << फ़िक्र-ए-मआल थी न ग़म-ए-र... तर्क-ए-तअल्लुक़ात ख़ुद अप... >> एक भी पत्थर न आया राह में नींद में हम उम्र भर चलते रहे Share on: