एक दर्द की लज़्ज़त बरक़रार रखने को By Sher << फ़ितरत के तक़ाज़े कभी बदल... मुक़य्यद हो न जाना ज़ात क... >> एक दर्द की लज़्ज़त बरक़रार रखने को कुछ लतीफ़ जज़्बों की ख़ूँ से आबयारी की Share on: