फ़ितरत के तक़ाज़े कभी बदले नहीं जाते By Sher << पहले दरवाज़े पे दस्तक दे ... एक दर्द की लज़्ज़त बरक़रा... >> फ़ितरत के तक़ाज़े कभी बदले नहीं जाते ख़ुश्बू है अगर वो तो बिखरना ही पड़ेगा Share on: