एक दरीचे से दो आँखें रोज़ सदाएँ देती हैं By Sher << आप को रंज हुआ आप के दुश्म... तुम जो चाहो तो रुक भी सकत... >> एक दरीचे से दो आँखें रोज़ सदाएँ देती हैं रात गए घर लौटने वालो शाद रहो आबाद रहो Share on: