एक दिल पत्थर बने और एक दिल बन जाए मोम By Sher << सियह-बख़्ती का साया दीदा-... शहर-ए-जाँ में वबाओं का इक... >> एक दिल पत्थर बने और एक दिल बन जाए मोम आख़िर इतना फ़र्क़ क्यूँ तक़्सीम-ए-आब-ओ-गिल में है Share on: