एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है By Sher << अब मा-हसल हयात का बस ये ह... हिसार-ए-गोश-ए-समाअत की दस... >> एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है मैं ने हर करवट सोने की कोशिश की Share on: