एक जंगल जिस में इंसाँ को दरिंदों से है ख़ौफ़ By Sher << एक मंज़िल है मुख़्तलिफ़ र... अपनी ही निगाहों का ये नज़... >> एक जंगल जिस में इंसाँ को दरिंदों से है ख़ौफ़ एक जंगल जिस में इंसाँ ख़ुद से ही सहमा हुआ Share on: