एक काफ़िर पर तबीअत आ गई By Sher << किसी बदन की सयाहत निढाल क... ख़िज़ाँ की रुत है जनम-दिन... >> एक काफ़िर पर तबीअत आ गई पारसाई पर भी आफ़त आ गई Share on: