एक के घर की ख़िदमत की और एक के दिल से मोहब्बत की By Sher << एक तेरा ग़म जिस को राह-ए-... दीवानों को अब वुसअत-ए-सहर... >> एक के घर की ख़िदमत की और एक के दिल से मोहब्बत की दोनों फ़र्ज़ निभा कर उस ने सारी उम्र इबादत की Share on: