इक मिरे दम के लिए कितने हैं घर By Sher << रुवाक़-ए-चशम में मत रह कि... बे-मुरव्वत तुझे आज़ुर्दा ... >> इक मिरे दम के लिए कितने हैं घर आशियाना है क़फ़स है दाम है Share on: