एक मूसा थे कि उन का ज़िक्र हर महफ़िल में है By Sher << एक ने'मत तिरे महजूर क... दुनिया को दीन दीन को दुनि... >> एक मूसा थे कि उन का ज़िक्र हर महफ़िल में है और इक मैं हूँ कि अब तक मेरे दिल की दिल में है Share on: