एक ने'मत तिरे महजूर के हाथ आई है By Sher << इक ज़माना हो रहा है इश्क़... एक मूसा थे कि उन का ज़िक्... >> एक ने'मत तिरे महजूर के हाथ आई है ईद का चाँद चराग़-ए-शब-ए-तन्हाई है Share on: